Subhash Chandra Bose Biography In Hindi | सुभाष चंद्र बोस की जीवनी
हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था । इस आजादी में क्रांतिकारी नेता सुभाष चंद्र बोस का अहम योगदान था। इन्हें हम नेता जी भी कहते हैं। नेता जी स्वामी विवेकानंद जी को अपना गुरु मानते थे। नेता जी ने जय हिंद और तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा जैसे नारे दिये जो उस समय काफी प्रचलन में था। नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने 1942 में एमिलि शेकंल नाम की ऑस्ट्रियन महिला से शादी किया था । उन दोनों से एक लड़की का जन्म हुआ था जिसका नाम अनिता बोस फाफ है।
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 में उड़ीसा के कटक में हिन्दू परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस था। वे कटक शहर के मशहूर वकील थे। अंग्रेजी सरकार ने उन्हें रायबहादुर का खिताब दिया था नेता जी के मां का नाम प्रभावती देवी था। प्रभावती देवी और जानकीनाथ बोस से कुल मिलाकर 14 संताने थी । नेता जी नौवें संतान थे। नेता जी को अधिक लगाव शरदचंद्र से था। शरदचंद्र, प्रभावती और जानकीनाथ के दुसरे बेटे थे।
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने प्राइमरी शिक्षा कटक शहर से पुरा किया था। 15 वर्ष के उम्र में नेता जी ने विवेकानंद साहित्य का पुर्ण अध्ययन कर लिया था। 1915 में नेता जी इन्टरमीडिएट की परीक्षा बिमार होने के कारण द्वितीय श्रेणी से पास की। 1916 में जब वे बीए के छात्र थे किसी बात पर काॅलेज के अध्यापक और छात्र के बीच झगड़ा हो गया। नेता जी ने छात्रों के नेतृत्व किया जिसके कारण उन्हें काॅलेज से एक साल के लिए निकाल दिया गया और परीक्षा देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 1919 में बीए की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास किया। कलकत्ता विश्वविद्यालय में उनका दुसरा स्थान था । नेता जी 1920 में आईसीएस की परीक्षा चौथा स्थान प्राप्त करते हुए पास कर ली । लेकिन नेता जी के दिल और दिमाग पर स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविन्द घोष के आदर्श ने कब्जा कर रखा था ऐसे में आईसीएस बनकर अंग्रेजों की गुलामी कैसे कर सकते हैं। उन्होंने 22 अप्रैल 1921 को आईसीएस की नौकरी को त्याग दिया। उस समय गांधी जी अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन चला रखा था। नेता जी , देशबंधु चितरंजन दास से प्रेरित होकर उनके साथ कलकत्ता में असहयोग आंदोलन का नेतृत्व किया। सुभाष चंद्र बोस अपने जीवन में कुल 11 बार जेल गए थे। सबसे पहले 16 जुलाई 1921 में 6 महिने के लिए जेल गए थे। गांधी जी ने 1938 में नेता जी को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुना। लेकिन नेता जी के कार्यपद्धति गांधी जी को पसंद नहीं आया इसलिए नेता जी 1939 में कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। 1943 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नेता जी सिंगापुर में आजाद हिंद फौज का गठन किया। इसमें औरत के भर्ती के लिए झांसी की रानी रेजिमेंट बनाई गई।
नेता जी की मृत्यु कैसे हुई यह आज भी एक पहेली हैं। 18 अगस्त 1945 को नेता जी हवाई जहाज से मंचुरिया जा रहे थे। इस सफर के बाद वे लापता हो गए इस दिन के बाद वे किसी को दिखाई नहीं दिए।
भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के अनुसार नेता जी की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को ताइहोकू के सैनिक अस्पताल में रात 9.00 बजे हुआ था।
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