पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय | Pandit Jawaharlal Nehru Biography In Hindi

पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री और आधुनिक भारत के रचयिता थे। आजादी के बाद आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब भारत को विकासशील देश बनाने के लिए जवाहरलाल नेहरू ने महत्वपूर्ण कार्य किये। वे 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 भारत के प्रधानमंत्री रहे। उन्हे हम पंडित नेहरू और बच्चे चाचा नेहरू कहते हैं। उनके जन्म दिवस 14 नवंबर को हम बाल दिवस के रूप मनाते हैं।

नाम         -  पंडित जवाहरलाल नेहरू
प्रधानमंत्री - 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 तक
जन्म         -  14 नवंबर 1889 इलाहाबाद (वर्तमान                                   प्रयागराज)
पिता         -  मोतीलाल नेहरू (समाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी)
माता         -  स्वरूपरानी
बहन         -  विजयलक्ष्मी और कृष्णा हठीसिंग
पत्नी         - कमला नेहरू
संतान        - इंदिरा गांधी
मृत्यु          - 27 मई 1964
पेशा          - राजनेता, वकील, लेखक


पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म और परिवार ( The birth and family of pandit jawaharlal Nehru )
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को प्रयागराज के एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था। जो काश्मीरी पंडित थे। मोतीलाल नेहरू सामाजिक कार्यकर्ता, महान स्वतंत्रता सेनानी और सफल बैरिस्टर थे। स्वतंत्रता संग्राम में दो बार कांग्रेस के अध्यक्ष बने। पंडित नेहरू के माता का नाम स्वरूपरानी था। जो लाहौर के एक सम्पन्न काश्मीरी ब्राह्राण परिवार से थी। पंडित नेहरू तीन भाई-बहनो में सबसे बड़े थे। उनकी पहली बहन विजय लश्मी बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा के पहली महिला अध्यक्ष बनी। और दुसरी छोटी बहन कृष्णा हठीसिंग एक उल्लेखनीय लेखिका बनी। और अपने परिवार के बारे में कई पुस्तकें लिखी। 1916 में जवाहरलाल नेहरू का शादी कमला नेहरू से हुआ। जिनसे एक मात्र पुत्री हुई जिसका नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी (इंदिरा गांधी) रखा गया। जो बाद में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी।

पंडित जवाहरलाल नेहरू का शिक्षा ( The teaching of pundit jawaharlal Nehru )
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पढ़ाई दुनिया के टॉप स्कूल और कॉलेज से किये थे। उनका प्रारंभिक शिक्षा घर पर हुआ उनको अंग्रेजी टीचर घर पर पढ़ाने आते थे । इसके बाद स्कूल का पढ़ाई हैरो से किया जो इंग्लैंड में हैं। और काॅलेज की पढ़ाई ट्रिनिटी कॉलेज कैम्ब्रिज लंदन में किये। 1910 में जवाहरलाल नेहरू नेचुरल साइंस में ग्रेजुएशन किया। और 1912 में लाॅ की पढ़ाई इनर टेम्पल लंदन से पुरी की

पंडित जवाहरलाल नेहरू का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान ( Contribution of pandit jawaharlal Nehru to the freedom struggle )
पंडित नेहरू अपनी पढ़ाई पूरी कर के 1912 में स्वदेश लौटे और वकालत करने लगे। 1917 में जवाहरलाल नेहरू एनी बेसेंट के विचारो से प्रभावित होकर होम रूल लीग में शामिल हों गये। 1919 में जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी से मिले और काफी प्रभावित हुए। और पश्चिमी कपड़ा और महंगी संपत्ति त्याग कर खादी कुर्ता और गांधी टोपी पहनने लगे। 1920 मैं असहयोग आन्दोलन को जवाहरलाल नेहरू ने उत्तर प्रदेश में नेतृत्व किया। इस दौरान उनको पहली बार गिरफ्तार किया गया। 1924 में जवाहरलाल नेहरू इलाहाबाद (वर्तमान नाम प्रयागराज) के नगर निगम के अध्यक्ष चुने गए और 1926 में अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 1926 से 1928 तक कांग्रेस के महासचिव के पद पर कार्यरत थे। दिसंबर 1929 में कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया और उसी अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू ने ' पूर्ण स्वराज ' का प्रस्ताव पास किया। और 26 जनवरी 1930 को लाहौर में आजाद भारत का झंडा फहराया।
पंडित नेहरू 1936 और 1937 में कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान गिरफ्तार कर लिया गये। तीन साल बाद 1945 में छोड़ दिये गये। 1947 में भारत और पाकिस्तान के आजादी के लिए जवाहरलाल नेहरू ने ब्रिटिश सरकार से वार्ताओ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री ( First prime minister of India )
1947 में आजादी मिलने के बाद कांग्रेस में प्रधानमंत्री का मतदान हुआ। जिसमें सरदार पटेल और आचार्य कृपलानी को अधिक मत मिले। लेकिन गांधी जी के कहने पर इन दोनों ने अपना नाम वापस ले लिया और पंडित जवाहरलाल नेहरू को भारत का प्रथम प्रधानमंत्री बनाया गया।
आजादी के बाद देश की हालत एकदम दयनीय थी जिसे नेहरू ने समझदारी पूर्वक सामना किया और आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने योजना आयोग का गठन किया, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित किया और तीन लगातार पंचवर्षीय योजनाएं बनाई। उनकी नीतियों के कारण देश में कृषि और उद्योग का नया युग शुरू हुआ।

पंडित जवाहरलाल नेहरू का मृत्यु ( The death of pandit jawaharlal Nehru )
नेहरू ने हमेशा अपने पड़ोसियों से अच्छे सम्बंध रखना चाहते थे। लेकिन काश्मीर मुद्दा को नेहरू सुलझा नहीं पाते इसलिए आज भी पाकिस्तान से भारत का रिश्ता तनाव पूर्ण है। चीन के साथ पंचशील समझौता होने के बाद नेहरू बेफिक्र थे चीन कभी लड़ाई हमसे नहीं करेगा। लेकिन 1962 में चीन धोखे से भारत पर आक्रमण कर दिया जिसमें भारत की हार हुई और उसके बाद नेहरू का तबीयत खराब रहने लगा। 27 मई 1964 नेहरू को दिल का दौरा पड़ा जिसे कारण उनका मृत्यु हो गया।

पंडित जवाहरलाल नेहरू का सम्मान ( Honour of the pundit jawaharlal Nehru )
1955 में जवाहरलाल नेहरू को भारत रत्न दिया गया।

पंडित जवाहरलाल नेहरू का विचार ( The thought of pundit jawaharlal Nehru )

1.  आपतियां हमें आत्म-ज्ञान कराती हैं,ये हमें दिखा देती हैं कि हम किस मिट्टी के बने हैं | 

2. अगर आप खुली आँखों से देखोगे, तो इस दुनिया में सौंदर्य और रोमांच का कोई अंत नहीं|

3. हकीकत, हकीकत ही रहने वाली है और आपकी पसंद के अनुसार हकीकत कभी गायब नही होती।

4. यदि पूंजीवादी समाज की शक्तियों को अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो वो अमीर को और अमीर और गरीब को और गरीब बना देंगी।

5. क्रिया प्रभावशाली होनी चाहिये जिससे साफ़ तौर पर अंत का अनुमान लगाया जा सके।

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