प्रणब मुखर्जी का जीवन परिचय || Pranab Mukherjee Biography In Hindi
प्रणब मुखर्जी एक ईमानदार छवि वाले और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। वे 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। 26 जनवरी 2019 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद ने भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से प्रणब मुखर्जी को सम्मानित किया।
प्रणब मुखर्जी को अवार्ड ( Award to pranab
प्रारंभिक जीवन ( Early life )
प्रणब मुखर्जी का जन्म 17 सितंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के मिराती गांव में एक ब्राह्मण कुलिन बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी एक सम्मानित स्वतंत्रता सेनानी थे। माता का नाम राजलश्मी मुखर्जी है।
प्रणब मुखर्जी का परिवार ( Family of pranab mukherjee )
प्रणब मुखर्जी का पुरा नाम प्रणब कुमार मुखर्जी हैं। उनके पिता कायदा किंकर मुखर्जी स्वतंत्रता सेनानी थे। कायदा किंकर मुखर्जी 1920 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। आजादी के बाद वे 1952 से 1964 तक पश्चिम बंगाल विधान परिषद के सदस्य रहे। प्रणब मुखर्जी की माता राजलश्मी मुखर्जी एक गृहिणी और स्वतंत्रता सेनानी थी। प्रणब मुखर्जी के अन्नापुर्णा मुखर्जी और अन्नानापुर्णा बंदापधाय दो बहन है। प्रणब मुखर्जी का शादी 22 वर्ष के उम्र में 13 जुलाई 1957 में सुरवा मुखर्जी से हुआ। जिससे उन्हें दो बेटे अभिजीत मुखर्जी और इन्द्रजीत मुखर्जी और एक बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी है। जो प्रोफेशनल कथक डांसर हैं और राजनीति में सक्रिय हैं।
प्रणब मुखर्जी का शिक्षा ( Education of pranab mukherjee )
प्रणब मुखर्जी का प्रारंभिक शिक्षा उनके स्थानिय स्कूल में हुआ और आगे की पढ़ाई वीरभूम के सूरी विद्यासागर काॅलेज से पुरा किया। प्रणब कोलकाता विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक और कानुन की डिग्री हासिल किया। प्रणब मुखर्जी एक वकील और काॅलेज के प्रध्यापक के रुप में काम कर चुके हैं।
प्रणब मुखर्जी का राजनीति सफर ( Pranab Mukherjee Political Career )
प्रणब मुखर्जी ने 1969 मे कांग्रेस के तरफ से राज्यसभा सांसद के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत किया। वे चार बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। साल 1973 में इंदिरा गांधी के सरकार में प्रणब मुखर्जी मंत्री पद पर रहे। साल 1982-84 तक देश के वित्तमंत्री रहे। राजीव गांधी से मतभेद के कारण प्रणब मुखर्जी कांग्रेस पार्टी छोड़कर खुद का पार्टी "राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस पार्टी" बनाई। पी वी नारसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने तो प्रणब मुखर्जी वापस कांग्रेस में आ गय और योजना आयोग का अध्यक्ष बनाये गया।
साल 1997 में प्रणब मुखर्जी को भारतीय सांसद ग्रुप द्वारा सर्वश्रेष्ठ सांसद का खिताब दिया गया। प्रणब मुखर्जी 1999 से 2012 तक केंद्रीय चुनाव आयोग का अध्यक्ष रहे।
साल 2004 में प्रणब मुखर्जी कांग्रेस से जांगीपुर लोकसभा चुनाव जीते। इसके लोकसभा के नेता चुने गए। प्रणब मुखर्जी ने रक्षा मंत्री, वित्तमंत्री, विदेशमंत्री और लोकसभा के नेता के रूप में सराहनीय कार्य किये।
प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनने का सफर ( Journey to become President on pranab mukherjee )
प्रणब मुखर्जी अपने जीवन के चार दशक राजनीतिक में दिया। जुलाई 2012 को प्रणब, पी ए संगमा को 70% वोटों से हराकर राष्ट्रपति बने और 2017 तक रहे।
प्रणब मुखर्जी के मृत्यु ( The death of pranab mukherjee )
प्रणब मुखर्जी को 10 अगस्त 2020 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था उस समय उनकी स्थिती बहुत गंभीर थी और उसी दिन मस्तिष्क का सफल सर्जरी हुआ फिर यह रोग फेफड़ा में फ़ैल गया। उनका कोरोना जांच पाॅजिटिव आया था। 31 अगस्त 2020 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गया।
प्रणब मुखर्जी को अवार्ड ( Award to pranab
mukherjee )
प्रणब मुखर्जी को 1997 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का खिताब मिला।
सन 2008 में सर्वजनिक क्षेत्र में योगदान के लिए भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
26 जनवरी 2019 में प्रणब मुखर्जी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
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