ममता बनर्जी कि जीवनी, परिवार, शिक्षा, पार्टी, राजनीतिक सफर, मुख्यमंत्री।।( Mamata Banerjee Biography in Hindi, Family, Education, chief minister)

ममता बनर्जी एक राजनेता, वकिल, समाजसेवी और बंगाल के पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। वह लोगों में इतनी लोकप्रिय है कि लोग उन्हें दीदी कह सम्बोधित करते हैं। ममता बनर्जी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के साथ में 34 वर्ष पुराना वाम मोर्चा सरकार को उखाड़कर फेंक दिया। और यह दुनिया की सबसे लंबा सेवा करने वाली लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित कम्युनिस्ट सरकार भी थी। ममता बनर्जी को देश की पहली महिला रेलमंत्री भी थी। उन्होंने दो बार रेल मंत्री का पद संभाला। ममता बनर्जी द्वारा संभाले गये अन्य प्रमुख पदों में कोयला मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री, और खेल विभाग एवं युवा मामले  शामिल हैं।

प्रारम्भिक जीवन और परिवार

ममता बनर्जी का जन्म कलकत्ता पश्चिम बंगाल में 5 जनवरी 1955 को ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके पिता प्रोमिलेस्वर बनर्जी कि मृत्यु बहुत जल्द इलाज न मिलने के कारण हो गया। उस समय ममता बनर्जी नौ साल की थी। ममता बनर्जी के माता का नाम गायत्री बनर्जी है। ममता बनर्जी के कुल छ: भाई है जिनका नाम अमित बनर्जी, अजीत बनर्जी, काली बनर्जी, बबन बनर्जी, गणेश बनर्जी और समीर बनर्जी है।

ममता बनर्जी का शिक्षा

ममता बनर्जी अपनी प्रारम्भिक शिक्षा कोलकाता के देशबंधु सिशु विद्यालय से किया। आगे की पढ़ाई इन्होंने कोलकाता के जोगोमाया देवी कॉलेज में इतिहास से स्नातक किया। और कलकत्ता विश्वविद्यालय से इस्लामिक इतिहास में स्नातकोत्तर भी किया। ममता बनर्जी वकिल बनने के लिए कानून की पढ़ाई कोलकाता के जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त किया। कानून की पढ़ाई करते समय ममता बनर्जी राजनीति में शामिल होकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छात्र शाखा छात्र परिषद यूनियन की स्थापना किया। ममता बनर्जी ओडिशा के कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी से डॉक्टरेट का डिग्री प्राप्त किया है।

ममता बनर्जी का राजनीतिक सफर

ममता बनर्जी कानून की पढ़ाई करते समय राजनीति में शामिल होकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छात्र शाखा छात्र परिषद यूनियन की स्थापना किया। और कांग्रेस में शामिल हों गई। साल 1976 से 1980 तक ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की पहली महिला कांग्रेस की महासचिव बनी। इसके बाद साल 1984 में लोक सभा चुनाव में पश्चिम बंगाल के जादवपुर संसदीय क्षेत्र से ममता बनर्जी ने सोमनाथ चटर्जी को पीछे छोड़ कर जीत हासिल किया। साल 1980 के दशक में, ममता बनर्जी जी भारतीय यूथ कांग्रेस की महासचिव बनी। साल 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में इन्होंने अपने जादवपुर संसदीय क्षेत्र को खोना पड़ा। लेकिन फिर साल 1991 में ममता बनर्जी ने दक्षिण कोलकाता संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़कर जीत हासिल किया और साल 2009 तक बनी रही। साल 1991 में जब पी. वी. नरसिम्हा राव कि सरकार में ममता बनर्जी को मानव संसाधन विकास, युवा एवं खेल और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय  औ कार्यभार दिया गया। 

टीएमसी पार्टी का गठन

ममता बनर्जी कांग्रेस से अपने विचार धारा अलग करते हुए साल 1997 में ममता बनर्जी कांग्रेस से अलग होकर अपनी नई खुद की पार्टी बनाया जिसका नाम है ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी जिसे टीएमसी कहा जाता है।
साल 1999 में अटल बिहारी वाजपेई के सरकार में ममता बनर्जी को रेल मंत्री बनाया गया।
साल 2009 में कांग्रेस की सरकार में ममता बनर्जी फिर से दुबारा रेल मंत्री का कार्यभार संभाला।

ममता बनर्जी मुख्यमंत्री के रूप में

ममता बनर्जी कि पार्टी टीएमसी ने साल 2011 के विधानसभा चुनाव में बंगाल पर 34 साल से राज कर रही कम्युनिस्ट पार्टी को उखाड़ फेका और ममता बनर्जी बंगाल के आठवीं और पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। इनके काम से खुश होकर लोग दीदी कहने लगे। साल 2016 में ममता बनर्जी प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई और दुसरी बार मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण किया।

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