ओणम त्योहार कैसे और कहां मनाये जाते हैं ? How and where are onam festivals celebrated?

हमारा देश भारत में सभी धर्म के लोग रहते हैं। और सब लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं इसलिए भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। ओणम एक हिन्दू पर्व है। जो मुख्य रूप से केरल में मनाया जाता है। यह पर्व राजा महाबली के स्वागत में दस दिनों तक बहुत धुम-धाम से मनाया जाता है। यह उत्सव वामन के एक मात्र मंदिर त्रिक्काकरा ( कोच्ची के पास) केरल से शुरू होता है। केरल सरकार ओणम पर्व को 1961 में नेशनल फेस्टिवल घोषित किया था। ओणम में केरल सरकार चार दिन की छुट्टी देती है। इस त्योहार को दुसरे जगह रह रहे केरल के लोग भी बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

ओणम कब आता है? ( When does onam come)
ओणम मलयालम कैलेंडर के पहले माह के शुरू में आता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार ओणम हर साल अगस्त-सितंबर महिना में आता है। ओणम के समय केरल का मौसम बहुत सुहावना होता है। उस समय केरल में ज्यादा पर्यटक आते हैं।
ओणम क्यो मनाया जाता है? (Why is onam celebrated)
ओणम असुर राजा महाबली के आगमन पर मनाया जाता है। राजा महाबली हृणियाकश्यप के पर पोते और महान विष्णु भक्त प्रहृलाद के पोते थे। वामन पुराण के अनुसार राजा महाबली विष्णु भक्त, दानवीर, महान योद्धा था। राजा महाबली अपना बल और पराक्रम से तीनों लोकों को जीत लिया था। इन्द्र ने अपना सिंहासन बचाने के लिए भगवान विष्णु से मदद मांगी तब भगवान विष्णु वामन अवतार लिये और राजा बलि से भिक्षा मांगने पहुंच गये। भगवान वामन राजा बलि से तीन पग भूमि भिक्षा मांगी। पहला और दूसरा पग में भगवान ने धरती और आकाश को नाप लिया। तीसरा पग के कुछ बचा नहीं था तो राजा बलि तीसरा पग अपना सिर पर रखने को कहा भगवान अपना तीसरा पग बलि के सिर पर रखे तो बलि पाताल लोक में चला गया । राजा बलि भगवान से प्रार्थना किया कि मुझे साल में एक बार अपने राज्य और प्रजा से मिलने दिया जाए । भगवान यह स्वीकार कर लिया। तब से राजा बलि के आगमन पर केरल में दस दिनों तक ओणम मनाया जाता है।
ओणम कैसे मनाते हैं ? ( How is onam celebrate )
ओणम केरल के संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है। यह केरल के सब त्योहार में से प्रमुख त्योहार है। यह दस दिनों तक मनाया जाता है। इसके पहले दिन अन्थं होता है जिस दिन से ओणम की तैयारी शुरू हो जाती है और घर का साफ सफाई शुरू हो जाती है और बजार सज जाती है। ओणम में फुलों का रांगोली का महत्व है। पहला दिन अन्थं को छोटा रंगोली बनता हैं और रोज थोड़ा बड़ा होते होते दसवां दिन सबसे बड़ा रंगोली बनता है। ओणम के आठवें दिन राजा महाबली के मुर्ति को घर और मंदिर में सजाते हैं। नौवां और दसवां दिन वहां के लोग राजा महाबली बनकर कथकली नृत्य करते हैं । ओनम के समय नौका दौड़ प्रतियोगिता होता है यह प्रतियोगिता विश्व भर में प्रसिद्ध है। दसवां दिन राजा महाबली के प्रतिमा को नदी में विसर्जित कर दिया जाता है जिसके बाद ओणम समाप्त हो जाता है
10 दिन का ओणम त्यौहार हर्षोल्लास के साथ ख़त्म होता है, जिसे केरल का हर इन्सान मन से मनाता है। इस रंगबिरंगे अनौखे त्यौहार में पूरा केरल चमक उठता है।

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